JSSC CGL 2024 Exam Date Released Check New Schedule

JSSC CGL 2024 Exam Date Released Check New Schedule

आज हम चर्चा करेंगे झारखंड में चल रहे, JSSC पेपर लीक विवाद किया ,विवाद न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। तू इस आर्टिकल में जानते हैं, इस पूरे मामले को विस्तार से और देखते हैं छात्रों का गुस्सा क्यों चरम पर है।

Jssc क्या होता है।

Jssc Jharkhand staff selection commission recruitment राज की विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। Cgl परीक्षा जो अभी विवादों में है वह भी इसी आयोग द्वारा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के जरिए हजारों छात्रों का सपना होता है कि सरकारी नौकरी हासिल करें और अपना भविष्य सुरक्षित करें|लेकिन इस बार परीक्षा के बाद से ही विवादों का दौर शुरू हो गया |

Jssc परीक्षा विवाद कैसे शुरू हुई।

सितंबर 2024 में हुई इस CGL परीक्षा के बाद , कई छात्रों ने आरोप लगाया है कि पेपर लीक हुआ है। सोशल मीडिया पर यह बात तेजी से फैलने लगी और देखते ही देखे या एक बड़े आंदोलन में तब्दील हो गई।

छात्रों का कहना है कि पेपर लीक होने के चलते यह परीक्षा निरस्त की जानी चाहिए। और यह भी आरोप लगा रहे हैं की परीक्षा में कई पहले के सालों के पेपर हब हूबहू उठाएं गए थे |

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छात्रों का दर्द।

अब जरा सोचिए अपने महीनो तक मेहनत की दिन रात एक कर दिए और जब परीक्षा देने जाते हैं तो पता चलता है पेपर लीक हो गया है। ये कितना निराशाजनक हो सकता है।

यही वजह है कि झारखंड के विभिन्न जिलों से हजारों छात्र अब इस आंदोलन का हिस्सा बन गए हैं। हाल ही में राजधानी रांची के बापू वाटिका में एक बड़ी बैठक हुई जिसमें 24 जिलों के छात्रों ने भाग लिया | इस बैठक में यह तय किया गया अब चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा।

आंदोलन की योजना !

अब सवाल यह है कि आगे क्या होने वाला है इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आज 5 अक्टूबर को पूरे झारखंड में मसाल जुलूस निकाला जाएगा इसके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और JSSC अध्यक्ष के पुतले भी जलाए जाएंगे।

यह विरोध प्रदर्शन पूरे राज्य में एक साथ होगा, देवेंद्र नाथ मेहता जो इस आंदोलन के मुख्य चेहरों में से एक है, उन्होंने बताया कि 6 अक्टूबर को एक बड़ा डिजिटल अभियान भी चलाया जाएगा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर कर#cancel jssc CGL #, के जरिए अपनी मांगे रखी जाएगी |

सरकार की प्रतिक्रिया

अब तक सरकार की ओर से इस विवाद पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कुछ बयान दिए हैं लेकिन छात्रों का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है उन्हें आश्वासन तो दिया गया है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुईहै |

कई छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है जो कि छात्रों के भविष्य के साथ तलवार करने जैसा है।

अगर हम झारखंड की स्थिति की तुलना हरियाणा से करें तो वहां 41 सवालों के रिपीट होने परीक्षा रद्द कर दी गई थी लेकिन झारखंड में 72 सवाल रिपीट होने के बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।

ऐसे में छात्रों का गुस्सा जायज है वह चाहते हैं कि जिन छात्रों ने 120 अंक से अधिक प्राप्त किए हैं उनकी गतिविधियों की जांच की जाए या मांग इसलिए उठ रही है क्योंकि छात्रों को शक है कि पेपर लीक से फायदा उठाने वाले का नंबर आसानी से पता लगाया जा सकता है।|

आंदोलन का इतिहास

झारखंड की धरती पर आंदोलन का एक लंबा इतिहास रहा है चाहे वह 1831 32 का कुल विद्रोह हो या फिर 2000 में झारखंड राज्य का गठन हर बार जनता की आवाज की सरकार को झुकने पर मजबूर किया है

देवेंद्र जी ने भी जिक्र किया है अगर इस बार छात्रों के साथ अन्याय हुआ तो ये आंदोलन भी इतिहास रचेगा छात्रों का कहना है कि वह किसी भी हालत में पीछे नहीं हटने वाले हैं |

आंदोलन का इतिहास

छात्रों की एकजुटता

छात्रों के साथ उनके परिजन भी सामने आ रही है, कई जगहों पर शिक्षकों ने आंदोलन को समर्थन दिया है देवेंद्र जी ने बताया की 24 घंटे की निगरानी में इस आंदोलन को चलाया जाएगा। |

छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता भाई-बहन सभी इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े इस आंदोलन को इतना बड़ा रूप दिया जाएगा कि जहां-जहां सरकार के कार्यक्रम होंगे वहां-वहां विरोध प्रदर्शन होंगे|

आने वाले दिन इस आंदोलन का चरम आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा 7 अक्टूबर को झारखंड के हर जिला मुख्यालय पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन होगा जिसमें हजारों छात्र हिस्सा लेंगे जापान के जरिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल महोदय से यह मांग की जाएगी की परीक्षा रद्द की जाए |

निष्कर्ष

Jssc परीक्षा विवाद पर हमारा विस्तृत विश्लेषण या मामला न सिर्फ परीक्षा देने वाले छात्रों बल्कि पूरे राज्य के लिए एक अहम मुद्दा बन चुका है।अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है |


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